Sunday 27 November 2016

वक़्त

याद है तुम्हें वो वक्त जब मेरी आवाज़ सुनने की हर दिन तुम्हें बेचैनी रहती थी,
 और आज कई हफ्ते गुज़र जाते हैं अपनी गुफ्तगू हुए, 
तुम नहीं बदले मुझे इस बात का यकीन है,
वक़्त बदल गया जिस पर हमारा बस नहीं है....असीम...

Thursday 24 November 2016

मैंने बयां किये जब अपने हालात उनसे,
वो सुनकर बोले वाह क्या शायरी है...असीम...
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मै अब तुझे बिलकुल नहीं सताऊंगा,
तेरी दुनिया से बहुत दूर चला जाऊंगा,
कभी भूल से जो याद आएगी तुझे मेरी,
तेरी रातो में ख्वाब बनके चला आऊंगा.... असीम....
दूरियां रखना ही बेहतर है उसे देखने के बाद,
वो ज्यादा खुश रहता है मुझसे बिछड़ने के बाद...असीम...
कितना मासूम सा दिल है इस सीने में असीम,
तोड़ने वाले को भी खुश रहने की दुआ देता है....असीम...
आवाज़ एक साथ दोनों को लगाई है मैंने 
अब देखते है पहले कौन आता है... मौत या तुम....असीम...

Monday 21 November 2016

दूरियां रखना ही बेहतर है उसे देखने के बाद,
वो ज्यादा खुश रहता है मुझसे बिछड़ने के बाद...असीम...
कितना मासूम सा दिल है इस सीने में असीम,
तोड़ने वाले को भी खुश रहने की दुआ देता है....असीम...

Saturday 12 November 2016

शहर दर शहर तलाश रहा हूँ एक शख्स, जो मिले, प्यार करे और ठहर जाये सिर्फ मेरे लिए,लोग मिलते है प्यार करते हैं मगर कोई ठहरता नहीं कोई नहीं..... असीम...